Kali Mata Prachin Mandir - Sonipat

3.8/5 based on 4 reviews

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Address :

Saini Pur, Sonipat, Haryana 131001, India

Postal code : 131001
Categories :

Saini Pur, Sonipat, Haryana 131001, India
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Yash Pal Gahlyan on Google

यह पावन मंदिर कामी रोड पर सोनीपत में राम लीला ग्राउंड के पीछे स्थित है, जो लगभग 6000 वर्ष पुराना कहा जाता है। मान्यता है कि कुरुक्षेत्र में युद्ध के लिए जाने से पहले पांडवों ने यहां प्रार्थना की थी और उनकी जीत के लिए मा काली का आशीर्वाद लिया था। पांडवों ने इस मंदिर के पास एक कुएं का निर्माण किया था जिसे पांडव कुएं के नाम से जाना जाता है। मां भगवती महाकाली के मंदिर में, कलकत्ता और कालकाजी के मंदिर से लाई गई एक अनन्त लौ जलती रहती है। यह भी माना जाता है कि जो भी पवित्र और शुद्ध मन कसे 40 दिनों के लिए यहां प्रार्थना करता है, उसकी इच्छा पूरी होती है। भक्त, अपनी इच्छाओं को पूरा करने पर, मां महाकाली को नींबू का माला प्रदान करते हैं। साल यहां दो बार मेले आयोजित होते हैं यानी होली महोत्सव के बाद पहली बार शीतला शप्तमी पर और दूसरा आसाढ महीने में आयोजित किया जाता है। मेले के दौरान, लोग नारियल, फल और कपड़े (चुनरी) के साथ नए अनाज , फसलों से बने मिठाई भी चढ़ाते हैं। हर शनिवार को मंदिर में विशेष प्रार्थना आयोजित की जाती है। यहां विराजित भगवती मां महाकाली बहुत ही दयालु और चमत्कारी हैं। मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। बहुत ही मनोहारी पीठ है। मां के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन।
This holy temple is situated behind Ram Leela Ground in Sonepat on Kami Road, which is said to be around 6000 years old. It is believed that the Pandavas prayed here before leaving for the war in Kurukshetra and took the blessings of Maa Kali for their victory. Pandavas had constructed a well near this temple which is known as Pandava well. In the temple of Maa Bhagwati Mahakali, an eternal flame brought from the temple of Calcutta and Kalkaji keeps burning. It is also believed that whoever prays here for 40 days with a pure and pure mind, his wish is fulfilled. Devotees, upon fulfillment of their wishes, offer a garland of lemons to Maa Mahakali. Fairs are held here twice a year i.e. after the Holi festival, the first time on Sheetla Shaptami and the second in the month of eighteen. During the fair, people offer sweets made from new grains, crops along with coconut, fruits and clothes (chunri). Every Saturday special prayers are organized in the temple. Here Bhagwati Maa Mahakali is very kind and miraculous. Fulfills wishes. Very nice back. Lots of respects at the feet of mother.
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Rohit Kataria on Google

One of the most visited temple in navratri and on any festival..... Oldest temple

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